COMPANY AND COMPENSATION LAW
B.COM 2NDYEAR –MOST IMPORTANT QUESTIONS
SOL DU / IGNOU EXTERNAL
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम किन-किन संस्थानों पर लागू होता है? इस अधिनियम के उद्देश्य क्या हैं ?
Which are the establishments to which the Employees ' State Insurance Act ( ESI Act ) is applicable ? State the objectives of this Act .
उत्तर - भारत में कर्मचारियों व मुख्यतः कारखाना कर्मचारियों के लिये विशेष रूप से स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान करने के प्रयास ब्रिटिश शासनकाल से ही किये जा रहे थे । वर्ष 1929 में रॉयल कमीशन की सिफारिशों से लेकर वर्ष 1946 में प्रो० बी० पी० अदारकर की रिपोट तक सभी सिफारिशें कर्मचारियों को कोई न कोई सुविधा प्रदान करने के लिये सरकार को दी जाती रहीं । इन सभी सिफारिशों के आधार पर सरकार ने स्वतन्त्रता के तुरन्त बाद वर्ष 1948 में कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम पास किया । यह अधिनियम फैक्टरियों व अन्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लाभ के लिये बनाया गया है । यह कर्मचारियों की ओर से चलायी जाने वाली एक स्वयं वित्तीय योजना है । इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की स्वयं की सामाजिक सुरक्षा है । यह योजना कर्मचारियों को उनके काम के दौरान लगने वाली चोट , बीमारियों तथा शिशु - जन्म इत्यादि विघट परिस्थितियों में सहायता प्रदान करती है । वास्तव में यह अधिनियम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक अच्छा प्रयास है । इस योजना में उन सभी कर्मचारियों के लिये निश्चित शुल्क देकर अपना बीमा करवाना आवश्यक होता है जो इस अधिनियम के दायरे में आते हैं । कर्मचारियों द्वारा देय इस शुल्क की राशि का कुछ भाग उनके नियोक्ताओं द्वारा भी दिया जाता है । इस कार्य को देखने के उद्देश्य से केन्द्रीय सरकार दारा कर्मचारी राज्य बीमा निगम ( Employees ' State Insurance Corporation ) की स्थापना भी । की गयी तथा कर्मचारियों के समूचे फंड की व्यवस्था का दायित्व इसी बीमा निगम को सौंपा गया ।
अधिनियमका कार्य क्षेत्र -कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम , 1948 आज सम्पूर्ण किन्तु प्रारंभ में इस अधिनियम को जम्मू - कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में लागू किया गया । कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम , 1948 ( ESI Act , 1948 ) की धारा ( 14 ) के अनुसार यह । अधिनियम मौसमी कारखानों को छोड़कर ऐसे सभी कारखानों ( सरकारी कारखानों सहित ) , जो
कारखाना अधिनियम , 1948 ( Factories Act , 1948 ) के अर्थ में कारखाने हैं , पर लागू होता है । साथ ही केन्द्रीय सरकार की अनुमति से इस अधिनियम को औद्योगिक , वाणिज्य , कृषि तथा अन्य । संस्थानों पर लागू किया जा सकता है यदि इस विषय में बीमा निगम का समर्थन प्राप्त हो । इसके अतिरिक्त कोई भी राज्य सरकार चाहे तो इस अधिनियम को अन्य किन्हीं भी संस्थानों पर केन्द्रीय सरकार की स्वीकृति से लागू कर सकती है । इन्हीं प्रावधानों के अन्तर्गत अनेक राज्यों में इस अधिनियम को ऐसी दुकानों , होटलों , रेस्तरां , सिनेमा घरों , समाचार - पत्रों के दफ्तर , सड़क यातायात के प्रतिष्ठानों इत्यादि पर लागू भी किया गया है जिनमें कम से कम 20 व्यक्ति कार्य करते हों । साथ ही उन संस्थानों में काम करने वाले केवल वे कर्मचारी इस बीमा योजना के दायरे में आते हैं जिनका मासिक वेतन एक निश्चित सीमा ( वर्तमान ₹15 हजार मासिक ) से ऊपर न हो ।
इस प्रकार यह अधिनियम फैक्टरियों के अतिरिक्त मुख्य रूप से निम्न संस्थानों पर भी लागू होता है :
(i) सहकारी समितियाँ (Cooperative Societies ) जिनमें कम-से-कम 20 व्यक्ति काम करते हों।
( ii ) होटल एवं रेस्तरां जिनमें कम-से-कम 10 व्यक्ति कार्य करते हों यदि उसमें बिजली या गैस का प्रयोग होता हो अन्यथा यदि कम-से-कम 20 व्यक्ति कार्यरत हों ।
( iii ) सिनेमा तथा थियेटर जिनमें कम-से-कम 20 व्यक्ति कार्य करते हों । इन प्रतिष्ठानों के कैन्टीन के कर्मचारी भी इसी योजना के दायरे में आते हैं ।
( iv ) सभी पेट्रोल पम्प ।
( v ) सभी अस्पताल एवं चिकित्सालय।
( vi ) सभी क्लब ।
( vii ) समाचार - पत्रों के सभी संस्थान ( Newspaper Establishments ) ।
( viii ) सड़क यातायात सम्बन्धी संस्थान ।
(ix) वित्त एवं विनियोग कम्पनियाँ ( Finance and Investment Comnar कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम में यदि कोई संस्थान एक बार आ जाता है चाहे बाद में वह इस अधिनियम के अन्तर्गत आने के अयोग्य भी हो तो वह फिर इसके अन्तर्गत ही रहता है ।
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