सिक्किम स्थापना दिवस : जानें कैसे बना था सिक्किम भारत का 22वां राज्य
1947 में आजादी के बाद सिक्किम भारत का हिस्सा होते हुए भी आजाद था। सिक्किम की भारत के साथ संधि हुई, जिसमें तय हुआ कि सिक्किम के रक्षा, संचार और विदेश मामले भारत द्वारा देखे जाएंगे। इसके बाद साल 1975 में सिक्किम भारत का 22वां राज्य बनाया गया। इसी के साथ वहां राजशाही शासन खत्म हुआ।
कैसे बना था सिक्किम भारत का राज्य?
सिक्किम में राजशाही की स्थापना वर्ष 1642 में हुई थी। यहां पर चोग्याल वंश का शासन था। इसके बाद 1890 में ब्रिटिश इंडिया के अंतर्गत सिक्किम को ‘प्रोटेक्टोरेट स्टेट’ बनाया गया। यह अंग्रेजों की उस नीति का भाग था, जिसमें चीन और ब्रिटिश इंडिया के बीच बफर स्टेट्स की स्थापना की गई थी।
भारत की स्वतंत्रता के समय वर्ष 1947 में सिक्किम की भारत के साथ संधि हुई, जिसके अंतर्गत सिक्किम की रक्षा, संचार और विदेश मामले भारत की ओर से देखा जाना तय हुआ और सिक्किम की आजादी बरकरार रखी गई। लेकिन स्वतंत्रता के 28 वर्षों के बाद सिक्किम की जनता ने वहां के राजा के खिलाफ बगावत कर दी। सिक्किम के मतदाताओं में से 97.5 ने जनमत संग्रह में भारत के साथ जाने की बात कही थी। इस बगावत के परिणाम स्वरुप 16 मई 1975 को एक विशेष सह-राज्य के दर्जे के साथ सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाया गया।
कहा जाता है कि सिक्किम में जनता को बगावत के लिए भड़काने का काम भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने किया था। माना जाता है कि 1967 बैच के IPS ऑफिसर और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, वर्ष 1975 में सिक्किम गए और पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।इस पूरे ऑपरेशन में सिक्किम के पहले मुख्यमंत्री काजी दोरजी ने भारत का साथ दिया था।
भारतीय गणराज्य में 22वें राज्य के तौर पर सिक्किम को 35 वें संविधान संशोधन से सह-राज्य के रूप में भारत का भाग बनाया गया।सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा 36 वें संविधान से दिया गया। सिक्किम को लेकर एक बड़ा विवाद चीन के साथ भी था। चीन ने सिक्किम के भारत का राज्य मानने से मना कर दिया था। बाद में साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के समय चीन इस बात से सहमत हुआ, जिसे अटल बिहारी की सरकार की बड़ी उपलब्धि माना गया।
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