कंप्यूटर बनाम मनुष्य ,Computer vs Human Being
कंप्यूटर के बहुत से कामों को देखकर आप सोचते होंगे कि इनमें बुद्धि होती होगी , परन्तु वास्तव में कंप्यूटर में एक छोटे कीड़े के बराबर भी बुद्धि नहीं होती . वह केवल दिए गए आदेशों का पालन करता है . इतने से ही वह बहुत से काम कर लेता है . हमें उससे छोटे से छोटा काम कराने के लिए भी पूरे आदेश देने पड़ते हैं . बिना आदेश दिए वह । कुछ नहीं कर सकता . यदि हमारे दिए गए आदेश सही होंगे , तो काम भी सही - सही होगा और अगर आदेश गलत होंगे , तो काम भी गलत हो जाएगा . कंप्यूटर को सही आदेश देना और उससे बड़े - बड़े कार्य करा लेना . भी एक कला है . कंप्यूटर के काम करने के तरीके की तुलना हम खुद अपने काम करने के तरीके से कर सकते हैं . हम अपने । कानों से सुनकर तथा आंखों से देखकर कोई बात समझते हैं , अपने दिमाग से उस पर विचार करते हैं और उसे याद रखते हैं तथा अपने हाथ - पैर या मुंह से उसका उत्तर देते हैं यानी ऐक्शन ( Action ) लेते हैं . कंप्यूटर भी लगभग इसी तरह काम करता है . अपनी इनपुट यूनिट से वह डाटा और आदेश लेता है , मैमोरी में उन्हें स्टोर करता है , प्रोसेसर पर । उनका पालन करता है और आउटपुट यूनिट पर परिणाम दे देता है . परन्तु मनुष्य और कंप्यूटर में सबसे बड़ा अन्तर यह है कि हमारे काम करने की गति बहुत धीमी होती है , जबकि कंप्यूटर के काम करने की गति बहुत तेज होती है|
इसीलिए हिसाब - किताब का जो काम हम घंटों में कर पाते हैं , कंप्यूटर उसे सेकण्डों में कर डालता है . दूसरा मुख्य अंतर यह है कि एक जड़ मशीन होने के कारण कंप्यूटर न तो मनुष्य की तरह थकान अनुभव करते हैं और न ही बोर . यही कारण है कि वे एक - सा कार्य कितनी ही बार उसी गति एवं शुद्धता से बिना एकाग्रता खोए करते रह सकते हैं |
0 Comments