03. लेखांकन के इतिहास, लेखांकन की विशेषताएँ, लेखांकन के उद्देश्य,

इतिहास


सर्वप्रथम प्रारंभिक लेखांकन के रिकॉर्ड प्राचीन बेबीलॉनअसीरिया और सुमेरिया के खंडहरों में पाए गए, जो 7000 वर्षों से भी पहले की तारीख के हैं। तत्कालीन लोग फसलों और मवेशियों की वृद्धि को रिकॉर्ड करने के लिए प्राचीन लेखांकन की पद्धतियों पर भरोसा करते थे। क्योंकि कृषि और पशु पालन के लिए प्राकृतिक ऋतु होती है, अतः अगर फसलों की पैदावार हो चुकी हो या पशुओं ने नए बच्चे पैदा किए हों तो हिसाब-किताब कर अधिशेष को निर्धारित करना आसान हो जाता है।

लेखांकन की विशेषताएँ


लेखांकन कला और विज्ञान दोनों है

लेखांकन एक कला और विज्ञान दोनों है। कला के रूप में यह वित्तीय परिणाम जानने में सहायक होती है। इसमें अभिलिखित तथा वर्गीकृत लेन-देनों और घटनाओं का सारांश तैयार किया जाता है। उन्हें विश्लेषित किया जाता है तथा उनका निर्वचन किया जाता है। वित्तीय समंकों का विश्लेषण एवं निर्वचन लेखांकन की कला ही है जिसके लिए विशेष ज्ञान, अनुभव और योग्यता की आवश्यकता होती है। इसी तरह एक व्यवसाय के आन्तरिक एवं बाह्य पक्षों को वित्तीय समंकों का अर्थ और इनके परिवर्तन इस प्रकार सम्प्रेषित करना जिससे कि वे व्यवसाय के सम्बन्ध में सही निर्णय लेकर बुद्धिमतापूर्ण कार्यवाही कर सकें, लेखांकन की कला ही है।
विज्ञान के रूप में यह एक व्यवस्थित ज्ञान शाखा है। इसमें लेनदेनों एवं घटनाओं का अभिलेखन, वर्गीकरण एवं संक्षिप्तिकरण के निश्चित नियम है। इन निश्चित नियमों के कारण ही लेखों का क्रमबद्ध व व्यवस्थित रूप से अभिलेखन किया जाता है। किन्तु यह एक 'पूर्ण निश्चित' (exact) विज्ञान न होकर 'लगभग पूर्ण विज्ञान' (exacting science) है।

लेखांकन की वित्तीय प्रकृति (Financial Character)

लेखांकन में मुद्रा में मापन योग्य वित्तीय प्रकृति की घटनाओं और व्यवहारों का ही लेखा किया जाता है। ऐसे व्यवहार जो वित्तीय प्रकृति के नहीं होते, उनका लेखा पुस्तकों में नहीं किया जाता। उदाहरण के लिए, यदि एक संस्था के पास समर्पित व विश्वसनीय कर्मचारियों की एक टोली हो जो व्यवसाय के लिए बहुत उपयोगी है, का लेखा व्यवसाय की पुस्तकों में नहीं किया जायेगा क्योंकि यह वित्तीय प्रकृति की नहीं है तथा इसे मुद्रा में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता।

सेवा कार्य के रूप में

लेखांकन सिद्धान्त बोर्ड की परिभाषा के अनुसार लेखांकन एक सेवा कार्य है। इसका उद्देश्य व्यावसायिक क्रियाओं के बारे में परिमाणात्मक वित्तीय सूचनाएं उपलब्ध कराना है। लेखांकन के अन्तिम उत्पाद अर्थात् वित्तीय विवरण (लाभ-हानि खाता व चिट्ठा) उनके लिए उपयोगी है जो वैकल्पिक कार्यों के बारे में निर्णय लेते हैं। लेखांकन स्वयं किसी धन का सृजन नहीं करता है, यद्यपि यह इसके उपयोगकर्ताओं को उपयोगी सूचना उपलब्ध कराता है जो इन्हें धन के सृजन एवं रख रखाव में सहायक होता है

लेखांकन के उद्देश्य

लेखांकन के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है -

विधिवत अभिलेख रखना

प्रत्येक व्यावसायिक लेन-देन को पुस्तकों में क्रमबद्ध तरीके से लिखना व उचित हिसाब रखना लेखांकन का प्रथम उद्देश्य है। लेखांकन के अभाव में मानव स्मृति (याददास्त) पर बहुत भार होता जिसका अधिकांश दशाओं में वहन करना असम्भव होता। विधिवत अभिलेखन से भूल व छल-कपटों को दूर करने में सहायता मिलती है।

व्यावसायिक सम्पत्तियों को सुरक्षित रखना

लेखांकन व्यावसायिक सम्पत्तियों के अनुचित एवं अवांछनीय उपयोग से सुरक्षा करता है। ऐसा लेखांकन द्वारा प्रबन्ध को निम्न सूचनाएं प्रदान करने के कारण सम्भव होता है -
  • (१) व्यवसाय में स्वामियों के कोषों की विनियोजित राशि,
  • (२) व्यावसाय को अन्य व्यक्तियों को कितना देना है,
  • (३) व्यवसाय को अन्य व्यक्तियों से कितना वसूल करना है,
  • (४) व्यवसाय के पास स्थायी सम्पत्तियां, हस्तस्थ रोकड़, बैंक शेष तथा कच्चा माल, अर्द्ध-निर्मित माल एवं निर्मित माल का स्टॉक कितना है?
उपर्युक्त सूचना व्यवसाय स्वामी को यह जानने में सहायक होती है कि व्यवसाय के कोष अनावश्यक रूप से निष्क्रिय तो नहीं पड़े हैं।

शुद्ध लाभ या हानि का निर्धारण

लेखांकन अवधि के अन्त में व्यवसाय संचालन के फलस्वरूप उत्पन्न शुद्ध लाभ अथवा हानि का निर्धारण लेखांकन का प्रमुख उद्देश्य है। शुद्ध लाभ अथवा हानि एवं निश्चित अवधि के कुछ आगमों एवं कुछ व्ययों का अन्तर होता है। यदि आगमों की राशि अधिक है तो शुद्ध लाभ होगा तथा विपरीत परिस्थिति में शुद्ध हानि। यह प्रबन्धकीय कुशलता तथा व्यवसाय की प्रगति का सूचक होता है। यही अंशधारियों में लाभांश वितरण का आधार होता है।

व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का निर्धारण

लाभ-हानि खाते द्वारा प्रदत्त सूचना पर्याप्त नहीं है। व्यवसायी अपनी वित्तीय स्थिति भी जानना चाहता है। इसकी पूर्ति चिट्ठे द्वारा की जाती है। चिट्ठा एक विशेष तिथि को व्यवसाय की सम्पत्तियों एवं दायित्वों का विवरण है। यह व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य को जानने में बैरोमीटर का कार्य करता है।

विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायक

विवेकपूर्ण निर्णय लेने के लिए सम्बन्धित अधिकरियों एवं संस्था में हित रखने वाले विभिन्न पक्षकारों को वांछित सूचना उपलब्ध कराना, लेखांकन का उद्देश्य है। अमेरिकन अकाउंटिंग एसोसिएशन ने भी लेखांकन की परिभाषा देते हुए इस बिन्दु पर विशेष बल दिया है। उनके अनुसार,
‘‘लेखांकन सूचना के उपयोगकर्ताओं द्वारा निर्णयन हेतु आर्थिक सूचना को पहचानने, मापने तथा सम्प्रेषण की प्रक्रिया है।’’

Post a Comment

0 Comments