डार्क एनर्जी क्या है | Dark Energy In hindi

डार्क एनर्जी क्या है | Dark Energy 


दोस्तों ब्रह्माण्ड से जुड़े हुए कई Topics पर मै पहले भी article लिख चूका हूँ। जिसको आपने पढ़ा तो अब पढ़ सकते है। ब्रह्माण्ड के बारे में और इसकी व्याख्य करने में तो हम इंसानों के शब्द ख़त्म हो जायेंगे। मगर Science की मदद से हम जितना भी अभी तक जान पाए हैं वह सबको जानना ही चाहिए। तो आज हम आपको बताने वाले हैं  Dark Energy के बारे में कि डार्क एनर्जी क्या है ? तो बिना वक़्त गंवाए शुरू करते हैं। और जानते डार्क एनर्जी के बारे में।

डार्क एनर्जी | Dark Energy
आपको बताते चले कि अभी तक हमको लगता की हमारा ब्रह्माण्ड सिर्फ अणु परमाणु, जीव, जंतु चट्टानों, ग्रह, उपग्रह, सितारों और आकाशगंगाओ से मिलकर बना हुआ है, जो हमें अपनी आँखों से साफ़ साफ़ दिखाई भी देते हैं। मगर यह बात सत्य नहीं है। क्योंकि जो Universe हमें अपनी आँखों से दिखाई देता है। वह ब्रह्माण्ड का केवल 4.9% ही है बाकी का 68.3% भाग Dark Energy तथा 26.8% भाग Dark matter से भरा पड़ा है जो हमें दिखाई ही नहीं देता। हमरा ब्रह्माण्ड तीन मुख्या चीजो से मिलकर बना हुआ है।
1.Dark Energy (68.3%)
2. Dark Matter (26.8%)
3. Ordinary matter (4.9%)
1990 के शुरवाती दशक तक हमें यह पता था कि हमारा ब्रह्माण्ड निरंतर फैलता जा रहा है। और उसका कारण यह मानते थे कि या तो इस ब्रह्माण्ड की Energy Density इतनी पर्याप्त है कि एक समय इसका फैलना बंद हो जायेगा और यह एक बिंदु में समा जायेगा। या फिर इसकी energy density इतनी कम है कि यह हमेशा फैलता ही रहेगा।
Energy Density एनर्जी की वह मात्रा है जिसको हम एक पदार्थ या system में स्टोर कर सके। यानी अगर किसी पदार्थ की energy density ज्यादा है तो इसका मतलब उस पदार्थ में ज्यादा Energy store है।
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अब theory के मुताबित एक बात बिलकुल तय थी। कि Gravity ब्रह्माण्ड के फैलने की speed को बीतते समय के साथ धीमा कर देगा। ऐसा वह इसलिए मानते थे, क्योंकी उन्हें लगता था की यह ब्रह्माण्ड सामान्य रूप से दिखाई देने वाले पदार्थो से बना हुआ है। और इनकी  Gravity सपूर्ण ब्रह्माण्ड को बांधे हुई है। यद्यपि  गुरुत्वाकर्षण ( Gravity ) में खिंचाव होने के कारण ब्रह्माण्ड की गति का धीमा होना स्वाभाविक था मगर 1998  में  Hubble telescope ने एक supernova की तस्वीर खींची थी। जिस से यह पता चला कि हमारे ब्रह्माण्ड के फैलने की गति भूतकाल में आज के मुकाबले धीमी थी। जिसका मतलब यह था की इसकी गति घटने की बजाय और तेज हो रही है। जो उस समय के Space scientists के विपरीत था। सबको मालूम था कि कुछ तो है जिसकी वजह से ऐसा हो रहां है। मगर कोई भी इसको समझा नहीं पा रहा था।
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आखिरकार उन्होंने इस गुत्थी को सुलझाने के लिए एक Energy की कल्पना की जो ब्रह्माण्ड के खाली स्थानों में मौजूद रहती है। और उनोने इसको नाम दिया Dark Energy ।
डार्क एनर्जी पर वैज्ञानिक विचार | Scientist’s consideration on Dark Energy

डार्क एनर्जी को हम ना तो देख सकते और न ही इसको Test कर सकते हैं मगर इसका प्रभाव हम देख सकते हैं। यह हमारे आस-पास हर जगह मौजूद है पर हम इसको न माप सकते हैं,  और न जांच सकते हैं। ब्रह्माण्ड में जहाँ जहां खली जगह है वहाँ हर पल नयी नयी संरचनाये हो रही हैं। ऐसा लगता है कि जैसे डार्क एनर्जी कुछ इस तरह की उर्जा है ।जो खाली जगह के अंतर्भूत हो सकती है। क्योंकि खाली जगहों के पास संयुक्त ब्रह्माण्ड में मौजूद सभी चीजो की तुलना में अधिक उर्जा है। Dark energy क्या हो सकती है। इस पर वैज्ञानिको के अपने अपने मत हैं।

  • पहला विचार हमारे महान Scientist Albert einstein का है  जिनका मानना यह है। कि खाली स्थान केवल दिखने में खाली होते हैं मगर उनमे कुछ आश्चर्य जनक गुण होते हैं ।
  • उन्होंने यह समझाया था कि ब्रह्माण्ड में खाली स्थान खुद बन सकते हैं तथा इसकी मात्र ब्रह्माण्ड के फैलने के साथ बढ़ सकती है उन्होंने अपनी theory of Gravity में एक cosmological constant  का ज़िक्र किया  था ।और बताया था और बताया था कि  खाली स्थानों की भी अपनी एक energy होती है । जितना ज्यादा खली स्थान बढेगा उतनी  ही यह energy भी बढ़ेगी। जिस से कि यह ब्रह्माण्ड सदा फैलता ही रहेगा मगर उस वक़्त वो यह नहीं समझा पाए की इस  cosmological constant  की  जरुरत क्या है। जिसके कारण उनकी   इस theory को  मान्यता  दी गयी। तो हो सकता है की यह  cosmological constant  ही Dark energy हो ।यह भी पढ़ें –  ब्लैक होल क्या है 
  • दूसरा विचार यह था हो सकता है। यह खाली स्थान वास्तव में अस्थाई (जो स्थिर न हो ) हो और आभासी कणो से  हुआ हो यह कण लगातार स्वतः ही बनते रहते हो। और वापस कही अदृश्य हो जाते हो और इन्ही कणों की energy दरकिनार energy हो सकती है। मगर  physicist  ने यह गणना करने की कोशिश की कि ऐसी energy खाली स्थान को कितनी एनर्जी प्रदान कर सकती है तो     उनका calculation गलत साबित हुआ । क्योंकि यह वास्तव की डार्क एनर्जी से 10120 ज्यादा था। इसलिए Dark Energy का रहस्य अभी भी रहस्य ही बना  है ।
  • अंतिम विचार यह है कि, einstein की theory of Gravity ही गलत है। तथा हमें इसको फिर से समझने के लिए हमें एक ऐसी Theory को समझने की जरुरत है, जो ब्रह्माण्ड के हर गुण को समझा सके मगर ऐसी नयी theory क्या है ? यह हम सोच भी नहीं सकते। आज तक हम Albert einstein की Theory of Gravity के कारण ही ब्रह्माण्ड में मौजूद ब्रह्माण्ड के खगोलीय पिंडो के व्यवहार को न सिर्फ समझते आये हैं, बल्कि उनको सही भी पाया है।  ऐसे में एक बिलकुल नयी theory की कल्पना करना तो मुश्किल है इसलिए हो सकता है कि  cosmological constant  ही डार्क एनर्जी हो , मगर अभी हमारे पास कहने को सिर्फ इतना है कि Dark energy अभी भी एक रहस्य का रहस्य ही बनी हुई है

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