विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (17 जून): (World Day to Combat Desertification-WDCD)

विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (17 जून): (World Day to Combat Desertification-WDCD)


विश्व मरुस्थरण रोकथाम दिवस:
प्रत्येक साल विश्व के विभिन्न देशो में 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (डब्ल्यूडीसीडी) मनाया जाता है। वर्ष 2019 विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम दिवस की थीम “लेट्स ग्रो द फ़्यूचर टुगेदर” (Let’s Grow the Future Together) है।
विश्व मरुस्थलीकरण (रेगिस्‍तान) रोकथाम दिवस (डब्ल्यूडीसीडी) का 

इतिहास:
वर्ष 1995 से विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (डब्ल्यूडीसीडी) से प्रत्येक साल विश्व के विभिन्न देशो में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग से बंजर और सूखे के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए जन जागरुकता को बढ़ावा देना है। वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव ए/आऱईएस/49/115 में बंजर औऱ सूखे से जुड़े मुद्दे पर जन जागरुकता को बढ़ावा देने और सूखे और/या मरुस्थलीकरण का दंश झेल रहे देशों खासकर अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र के मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम और सूखा दिवस की घोषणा की।

रेगिस्तान या मरुस्थल किसे कहते है?
रेगिस्तान या मरुस्थल एक बंजर, शुष्क क्षेत्र है, जहाँ वनस्पति नहीं के बराबर होती है, यहाँ केवल वही पौधे पनप सकते हैं, जिनमें जल संचय करने की अथवा धरती के बहुत नीचे से जल प्राप्त करने की अदभुत क्षमता हो। यहाँ पर उगने वाले पौधे ज़मीन के काफ़ी नीचे तक अपनी जड़ों को विकसित कर लेते हैं, जिस कारण नीचे की नमी को ये आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। मिट्टी की पतली चादर, जो वायु के तीव्र वेग से पलटती रहती है और जिसमें कि खाद-मिट्टी प्राय: का अभाव होता है, वह उपजाऊ नहीं होती। इन क्षेत्रों में वाष्पीकरण की क्रिया से वाष्पित जल, वर्षा से प्राप्त कुल जल से अधिक हो जाता है, तथा यहाँ वर्षा बहुत कम और कहीं-कहीं ही हो पाती है। अंटार्कटिका क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर सूखे की अवधि एक साल या इससे भी अधिक भी हो सकती है। इस क्षेत्र में बेहद शुष्क व गर्म स्थिति किसी भी पैदावार के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

मरुस्थल के प्रकार:
विभिन्न प्रकार की भौगोलिक स्थलाकृतियों के आधार पर मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं

  • वास्तविक मरुस्थल: इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
  • पथरीले मरुस्थल: इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
  • चट्टानी मरुस्थल: इसमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।

“संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम कन्‍वेंशन”
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत तीन रियो समझौतों (Rio Conventions) में से एक है। अन्य दो समझौते निम्नलिखित हैं-
1. जैव विविधता पर समझौता।
2. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क समझौता।
UNCCD एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जो पर्यावरण एवं विकास के मुद्दों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है।मरुस्थलीकरण की चुनौती से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस दिवस को 25 साल पहले शुरू किया गया था। तब से प्रत्येक वर्ष 17 जून को ‘विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस’ मनाया जाता है।

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