International Space Station क्या है और यह कैसे काम करता है ?


International Space Station क्या है और यह कैसे काम करता है ?


International Space Station –

International Space Station को हम हिन्दी में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भी कहते है। आज तक के इतिहास में यह अंतरिक्ष में  बनाया जाने वाला सबसे बड़ा मानव निर्मित उपग्रह है। जिसको नाम दिया गया International Space Station । इसको पांच देशो ने मिलकर बनाया है जिनमे  Canada, Japan, Russia, United States, European Space Agency शामिल है। 27,600 km/h की स्पीड से धरती का चक्कर काटते हुए यह उपग्रह, नई तकनीक, खगोलीय, पर्यावरण और भूगर्भीय शोध के लिए एक प्रयोगशाला है, जो धरती से 400 km उपर स्थित है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को छोटेछोटे टुकड़ों में अंतरिक्ष में ले जा कर इसके कक्ष (Orbit) में स्थापित किया गया। 20 नवम्बर1998 को सबसे पहले रूस काRussian-built Zarya module लांच किया गया और इसकोorbit में सही से स्थापति किया गया उसके बाद 2 नवम्बर 2000 तक इसको इंसानों के लिए रहने लायक बनाया गया और उसके बाद से लेकर आज तक कोई भी ऐसा दिन नहीं  रहा जबInternational Space Station पर कोई व्यक्ति(astronaut) रहा हो। और साल2011 में यह स्टेशन लगभग पूरा हो गया जैसा की आज दिखता है ।आज भीastronaut बारी  बारी  से  वहाँ आते जाते रहते हैं और experiment करते रहते हैं और इसमें नए नए उपकरण  जोड़ते हैं। और जहाँ पर यह  टूटता है वहां पर इसकी मरम्मत भी करते है, ताकि यह लम्बे समय तक सही सलामत चलता रहे। इसका आकार 109 meters by 73 meters यानी एकFootball Ground के जितना है। यहाँ astronaut के  रहने, खाने पीने, सोने, Toilet, bathroom, laboratory, का सारा इन्तेजाम है जहां एक बार में 6 astronauts आराम से रह सकते हैं। तो अब  आप यह जान ही चुके है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है। तो अब यह जानते हैं कि International Space Station कैसे काम करता है।


International Space Station कैसे काम करता है ?
तो यह बात तो आप जान चुके हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अपने आप में एक बहुत बड़ा spacecraft है।

जहाँ पर astronauts औरcosmonauts रहते हैं और वहां Lab में तरह तरह का अध्ययन करते रहते हैं। ताकि technology को और विकसित किया जा सकेInternational Space Station धरती से 400 km की दूरी पर स्थित है। और 27,600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से धरती का चक्कर लगाता है। यानी यह स्टेशन 90 minute में धरती का एक चक्कर पूरा कर लेता है
जैसे की मैंने आपको उपर बताया की इसमें 6 astronauts एक बार में आराम से रह सकते हैं लेकिन किसी emergency में यहाँ और लोग भी रह सकते हैं। अभी तक यहाँ सबसे ज्यादा 13 लोग एक साथ रह चुके हैं। जो भीastronauts यहाँ काम करते हैं उनके लिए यहाँ Gym भी होता है जहाँ  exercise के लिए बहुत सेinstruments  होते हैं क्योंकि ISS (International Space Station) धरती से 400 km दूर है जहाँgravity के बराबर है, और इतनी कमgravity में धरती पर रहने वाले किसी भी जीव की हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। इसलिए वहां astronauts वहांexercise करते हैं ताकि वापस धरती पर आकर उन्हें कोई तकलीफ हो। यहाँtemperature को control करने के लिए एक radiator भी लगा होता है जो वहां के तापमान को धरती के जैसा ही बनाये रखता है ताकि वहां रह रहे scientist को कोई दिक्कत हो

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 8 solar array wings लगे हुए हैं जो सूर्य की रौशनी से ही 84 से 120 kilowatts की  बिजली Generate कर सकते हैं 

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बाहर कुछrobotics arms भी लगे होते हैं। वह इसलिए क्योंकि जब भी धरती से कोई नया part station पर जोड़ने के लिए भेजा जाता है तो यहrobotics arms उसको पकड़ लेते हैं और फिर astronauts उसparts को International Space Station की सही जगह पर जोड़ देते हैं। और इसी तरह जब धरती से अंतरिक्ष यात्री उस station पर जाते हैं तो वह अपने shuttle को स्टेशन के पास ले जाते हैं। और फिर स्टेशन कीrobotic arms उनके shuttle को पकड़ कर docking station पर जोड़ देता है। और और इस तरह वे लोग ISS में प्रवेश कर जाते हैं और पहले से रह रहे astronauts उनसे मिलते हैं बात चीत करते हैं और फिर पुराना astronauts का दस्ता उसshuttle से वापस धरती पर जाते हैं। और नया दस्ता अपने काम में लग जाता है। और यहाँ आने जाने की यह प्रक्रिया महीने दो महीने में लगी रहती है
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर बहुत सारेexperiment किये जाते हैं जो यहाँ धरती पर नहीं हो पाते हैं। देखा जाता है कि वहां इंसान की Body पर क्या effect पड़ता है। और भी बहुत से टेस्ट किये जाते हैं जो हम भी नहीं जानते इसके अलावा इस स्टेशन से हम धरती के मौसम को, धरती पर होने वाले बदलाव को भी देख सकते हैं।

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